कभी-कभी ज़िन्दगी में हालात ऐसे होते हैं जब हमें अपने दुश्मनों को उनकी असलियत दिखाने की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे मौकों पर शब्द ही सबसे बड़ी ताकत बन जाते हैं। और अगर बात हो दुश्मन की औकात शायरी की, तो यकीन मानिए इसके तीर सीधे दिल और दिमाग़ पर जाकर लगते हैं।
दुश्मन की औकात शायरी | दुश्मन की औकात शायरी 2 line
दुश्मन की बातों में न कभी हूँ मैं,
उनकी औकात सिर्फ मेरे खौफ से है पाई।
जो लोग नफरत में जीते हैं, उनकी औकात छोटी है,
मेरे सपनों की उनसे कभी तुलना नहीं हो सकती।
दुश्मन जो समझे खुद को बड़ा,
वो बस मेरी हिम्मत का सवाल है।
जो मुझसे टकराए, वो सिर्फ सीख जाए,
दुश्मन की औकात तो वक्त ही दिखाता है।
नफरत उनके दिल में, पर शक्ति सिर्फ मेरी है,
उनकी औकात सिर्फ मेरे चरणों के नीचे है।
दुश्मन के इरादे का क्या है भरोसा,
मेरे हौसले से कभी उनकी औकात नहीं मिलती।
जो मुझे गिराने आए, वो गिर गए खुद,
दुश्मन की औकात तो सिर्फ उनकी हिम्मत से जानी जाती है।
न समझो कि मैं डरूँगा,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरी नजरों में है।
जो मुझसे जलते हैं, उनके रंग फेड हैं,
दुश्मन की औकात बस मेरे आगे बिखरी है।
जो शिकस्त देकर आए, वो शर्माएं,
दुश्मन की औकात सिर्फ वक्त से ही पहचानी जाए।
मुझसे बैर करने वाले सिर्फ खुद पे भरोसे रखते हैं,
दुश्मन की औकात तो मेरे संघर्ष से जानी जाती है।
जो मुझपे हँस रहे हैं, वो खुद रो रहे हैं,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरी कमजोरी को जानती है।
नफरत के समुद्र में डूब जाए,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरे साथ की गहराई को देखे।
जो मुझे तोड़ने आए, उनकी कोशिश बेकार है,
दुश्मन की औकात तो सिर्फ मेरे सपनों की बात है।
दुश्मन जो समझे मैं कमजोर हूँ,
उनकी औकात सिर्फ उनके खुद के सोच में है।
मेरा रास्ता साफ है, उनका सिर्फ अंधेरा है,
दुश्मन की औकात बस मेरे संघर्ष से है।
जो मुझे नीचा दिखाए, खुद गिर गए,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरी हिम्मत से जानी जाती है।
उनका घमंड तो बस हवा में है,
दुश्मन की औकात मेरे हौसले से आगे नहीं।
जो लोग मेरी कामयाबी से जलते हैं,
दुश्मन की औकात बस मेरे संघर्ष में समाई है।
नफरत से जीने वाले खुद बेकार हैं,
दुश्मन की औकात बस मेरे आगे रंग लाती है।
जो मुझसे बैर करते हैं, वो खुद ही हार जाते हैं,
दुश्मन की औकात सिर्फ उनकी कोशिशों से जानी जाती है।
मेरा जज़्बा उनकी सोच से बड़ा है,
दुश्मन की औकात बस मेरे जज़्बे को समझ पाए।
जो मेरे रास्ते में आए, खुद उलझ गए,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरे हौसले से तौलती है।
दुश्मन की सोच छोटी, मेरा इरादा बड़ा,
उनकी औकात सिर्फ मेरे जज़्बे की मिसाल है।
जो मुझसे टकराए, उन्हें सिर्फ सीख मिलेगी,
दुश्मन की औकात बस मेरी हिम्मत से है।
जो लोग जलते हैं मेरे नाम से,
दुश्मन की औकात सिर्फ मेरे असर से जानती है।
मेरा रास्ता रोशन, उनका सिर्फ अंधेरा,
दुश्मन की औकात बस मेरी रोशनी से नापती है।
जो मुझे नीचा दिखाए, खुद खुद ही नीचे,
दुश्मन की औकात बस मेरे हौसले के आगे है।
दुश्मन जो समझे मैं कुछ नहीं,
उनकी औकात बस मेरी जीत के साथ है।
नफरत का बोझ उनके सिर सिर्फ कमजोर है,
दुश्मन की औकात बस मेरे हौसले के सामने है।
तो बस दोस्तों! उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके काम आई होगी और आपने यहाँ से ऐसी दुश्मन की औकात शायरी पाई होगी जो आपके दिल की आवाज़ को पूरी तरह बयां कर सके। 🖋️
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आखिरकार, शायरी सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि इमोशन्स की गहराई है। 💫 तो देर किस बात की? अपने मूड के हिसाब से शायरी चुनिए, share कीजिए और दुनिया को बताइए कि आप भी अलग अंदाज़ में अपनी बात कह सकते हैं।
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