मौत का नाम सुनते ही दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है 💔, लेकिन जब मौत शायरी boy की बात आती है, तो इसमें छिपे जज़्बात दिल के सबसे गहरे कोनों को छू जाते हैं।
यह ख़ास शायरी उन सभी दिलों के लिए है जिन्होंने कभी खामोशी में सच्चे एहसास की चीख सुनी हो।
मौत शायरी boy | मौत शायरी
मौत की चादर तले सोया है अरमान,
ज़िंदगी के सफर में है बस वीरानी का सामान।
खाक हो गए ख्वाब, हवाओं में उड़ गए,
मिट्टी की गोद में सब अरमान छुप गए।
रात की तन्हाई में मौत का पैग़ाम आया,
ज़िंदगी के सफर का आख़िरी इंतज़ाम आया।
जिस्म की देहलीज़ पर खामोशी का राज़ है,
रूह की उड़ान में बस मौत का साज़ है।
चाँदनी भी रो पड़ी, जब मौत का ज़िक्र हुआ,
सितारे भी सो गए, जब दिल बे-सबर हुआ।
ज़ख्म-ए-दिल को मौत का मरहम मिल गया,
ज़िंदगी का सफर था, मौत में सिलसिला मिल गया।
आँसू भी सूख गए, मौत की बात सुन कर,
ज़िंदगी की राह में बस खामोशी बन कर।
मौत की गोद में सुकून का पैग़ाम है,
ज़िंदगी के दर्द का बस यही अंज़ाम है।
कफ़न की सफेदी में छुपी हैं कहानियाँ,
मिट्टी की खुशबू में बसी हैं निशानियाँ।
मौत की दस्तक ने दिल को डरा दिया,
ज़िंदगी के सपनों को ख़ाक में मिला दिया।
रूह की उड़ान में है मौत का सफर,
जिस्म की ज़ंजीर में है बस दर्द का असर।
मिट्टी की चादर तले सोया है इंसान,
मौत की बाहों में है सुकून का सामान।
ज़िंदगी की राह में मौत का इंतज़ार है,
हर साँस के बाद बस खामोशी का इज़हार है।
मौत की बात में है दर्द का सिलसिला,
ज़िंदगी की राह में है बस खामोशी का मेला।
आख़िरी साँस में है मौत का पैग़ाम,
ज़िंदगी की राह में है बस वीरानी का सामान।
मौत की चादर तले सोया है अरमान,
ज़िंदगी के सफर में है बस वीरानी का सामान।
जिस्म की देहलीज़ पर खामोशी का राज़ है,
रूह की उड़ान में बस मौत का साज़ है।
चाँदनी भी रो पड़ी, जब मौत का ज़िक्र हुआ,
सितारे भी सो गए, जब दिल बे-सबर हुआ।
ज़ख्म-ए-दिल को मौत का मरहम मिल गया,
ज़िंदगी का सफर था, मौत में सिलसिला मिल गया।
आँसू भी सूख गए, मौत की बात सुन कर,
ज़िंदगी की राह में बस खामोशी बन कर।
मौत की गोद में सुकून का पैग़ाम है,
ज़िंदगी के दर्द का बस यही अंज़ाम है।
कफ़न की सफेदी में छुपी हैं कहानियाँ,
मिट्टी की खुशबू में बसी हैं निशानियाँ।
मौत की दस्तक ने दिल को डरा दिया,
ज़िंदगी के सपनों को ख़ाक में मिला दिया।
रूह की उड़ान में है मौत का सफर,
जिस्म की ज़ंजीर में है बस दर्द का असर।
मिट्टी की चादर तले सोया है इंसान,
मौत की बाहों में है सुकून का सामान।
ज़िंदगी की राह में मौत का इंतज़ार है,
हर साँस के बाद बस खामोशी का इज़हार है।
मौत की बात में है दर्द का सिलसिला,
ज़िंदगी की राह में है बस खामोशी का मेला।
आख़िरी साँस में है मौत का पैग़ाम,
ज़िंदगी की राह में है बस वीरानी का सामान।
मौत की चादर तले सोया है अरमान,
ज़िंदगी के सफर में है बस वीरानी का सामान।
जिस्म की देहलीज़ पर खामोशी का राज़ है,
रूह की उड़ान में बस मौत का साज़ है।
जब बात मौत शायरी boy की हो, तब यह सिर्फ़ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि एक अहसास की अभिव्यक्ति होती है। इसलिए —
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चाहे आप अकेलापन महसूस कर रहे हों
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या किसी अधूरी मोहब्बत का दर्द दिल में हो
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यहाँ हर शेर आपको खुद में झाँकने की वजह देगा
आख़िरकार, शायरी वही जो दिल को छू जाए… और आप जैसे पाठक ही इस सफ़र को मायने देते हैं
तो अब देर किस बात की?
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